कुछ नियम वास्तुशास्त्र के वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर लगभग हर हिंदू परिवार के घर में देवी-देवताओं का अलग स्थान होता है, कुछ लोगों के घरों में छोटे मंदिर होते हैं तो कुछ लोग भगवान के लिए अलग कमरा… Continue Reading…
April 25, 2022
November 1, 2021
धनतेरस……पूजन पूजा का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को प्रदोष काल शाम 5 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट तक का है. वहीं वृषभ काल शाम 6.18 मिनट से रात 8.14 मिनट तक रहेगा. इस दिन ही आपको… Continue Reading…
November 1, 2021
केमद्रुम योग ज्योतिष में चंद्रमा से निर्मित एक महत्वपूर्ण योग है. वृहज्जातक में वाराहमिहिर के अनुसार यह योग उस समय होता है जब चंद्रमा के आगे या पीछे वाले भावों में ग्रह न हो अर्थात चंद्रमा से दूसरे और चंद्रमा… Continue Reading…
November 1, 2021
नाथ शब्द का अर्थ होता है स्वामी। कुछ लोग मानते हैं कि नाग शब्द ही बिगड़कर नाथ हो गया। भारत में नाथ योगियों की परंपरा बहुत ही प्राचीन रही है। नाथ समाज हिन्दू धर्म का एक अभिन्न अंग है। नौ… Continue Reading…
October 31, 2021
कुंडली का फलकथन करने से पूर्व इन ज्योतिषीय सूत्रों को ध्यान में रखकर फलादेश करना चाहिए :- किसी भी ग्रह की महादशा में उसी ग्रह की अन्तर्दशा अनुकूल फल नहीं देती। योगकारक ग्रह (केन्द्र और त्रकोण का स्वामी ग्रह) की… Continue Reading…
October 29, 2021
जन्मकुंडली में ग्रहों से बनने वाले योग और दुर्योग… यदि लग्न पर सूर्य मंगल की दृष्टि हो तो और उस पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि न हो लग्न पर तो ऐसे जातकों को जानवर से भय हो सकता है… Continue Reading…
April 25, 2022
जन्म कुंडली मे बनने वाले पंच महापुरुष राजयोग और उनके प्रभाव । यदि मंगल मेष,वृश्चिक, या मकर राशि का होकर केंद्र में बैठे हो तो रूचक नामक महापुरुष राजयोग का निर्माण होता है।। यदि बुध कुंडली मे कन्या या मिथुन… Continue Reading…
April 25, 2022
कुंडली मे सन्तान प्राप्ति का विचार…. यदि लग्न से पांचवे भाव का स्वामी या चन्द्रमा से पांचवे स्थान का स्वामी और बृहस्पति अच्छे स्थानों में बैठे और पंचम भाव पर पंचमेश की तथा शुभ ग्रहों की दृष्टि हो और छठे… Continue Reading…
April 25, 2022
जैसा कि हम जान चुके हैं। कि कुंडली में 12 घर होते हैं और प्रत्येक घर को अलग-अलग कार्य क्षेत्रों में बांटा गया है। महर्षि पाराशर जी के मतानुसार आज हम कुंडली के लग्न आदि द्वादश भाव की परिकल्पना को… Continue Reading…
October 28, 2021
किसी भी कुंडली की मजबूती के लिए लग्न स्वामी अथवा लग्नेश का मजबूत होना ज़रूरी होता हैं लग्नेश का 3,6,8,12 भावो मे होना अशुभ माना जाता हैं क्यूंकी यह भाव हमेशा अशुभता प्रदान करते हैं लग्नेश भले ही पाप ग्रह… Continue Reading…